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क्या Trump-Raj का भारतीय किसानों पर बुरा असर होगा ?

By: khabarme

On: शुक्रवार, मार्च 14, 2025 12:03 अपराह्न

Donald trump
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump’s की नीतियों ने दुनिया भर के देशों को प्रभावित किया है, और भारत इससे अछूता नहीं रहा। ट्रम्प की ‘जैसे-को-तैसा-टैरिफ दर’ की नीति का सबसे बड़ा असर भारत के कृषि और संबंधित क्षेत्रों पर पड़ने वाला है। भारत में कृषि न केवल 45-50 करोड़ युवाओं के रोजगार का स्रोत है, बल्कि 80 करोड़ से ज्यादा लोगों की आजीविका और 90 करोड़ लोगों के निवास का जरिया भी है।

यह सेक्टर हमेशा से संरक्षित रहा है और वैश्विक व्यापार अनुबंधों से दूर रहा है। लेकिन Trump की नीतियों के कारण भारतीय किसानों को नए संकटों का सामना करना पड़ सकता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कैसे ट्रम्प-राज का भारतीय किसानों पर बुरा असर हो सकता है और इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

Trump की ‘जैसे-को-तैसा-टैरिफ दर’ नीति-

नीति का मतलब

‘जैसे-को-तैसा-टैरिफ दर(Tariff Rate)’ का मतलब है कि अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर Tariff लगाता है, तो America भी उस देश के उत्पादों पर उसी तरह का टैरिफ लगाएगा। यह नीति अमेरिकी उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बनाई गई है।

Will Trump-Raj have a bad effect on Indian farmers
Will Trump-Raj have a bad effect on Indian farmers

India पर प्रभाव

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ का अंतर 29% है। यानी, अमेरिकी उत्पादों की खरीद और भारतीय उत्पादों की बिक्री के बीच भारत को मात्र टैरिफ से 29% का लाभ होता है। ट्रम्प की नीति के कारण यह लाभ कम हो सकता है, और भारतीय कृषि उत्पादों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मुश्किल होगी।

भारतीय कृषि क्षेत्र की वर्तमान स्थिति

कृषि का महत्व

भारत में कृषि न केवल आर्थिक गतिविधियों का आधार है, बल्कि यह लाखों लोगों की आजीविका का स्रोत भी है। देश के 45-50 करोड़ युवाओं के रोजगार, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों की परोक्ष-अपरोक्ष आजीविका और 90 करोड़ लोगों के निवास का जरिया बना यह सेक्टर हमेशा संरक्षित रहा है।

सरकारी नीतियों का रुझान

पिछले 70 सालों में सरकारी नीतियों का रुझान कृषि से ज्यादा अन्य क्षेत्रों में रहा है। किसानों में भी परिवर्तनों के प्रति अपेक्षित उत्साह नहीं दिखा, जितना उद्योग और सेवा क्षेत्रों में लगे लोगों ने दिखाया। इसके कारण कृषि क्षेत्र पिछड़ता गया और किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती गई।

Trump-Raj का भारतीय किसानों पर प्रभाव

अमेरिकी कृषि उत्पादों का दबाव

ट्रम्प को अमेरिकी चुनाव में मध्य-पश्चिमी काउंटीज, यानी अमेरिका के कृषि-प्रधान क्षेत्रों से जमकर समर्थन मिला। इसलिए, उनकी कोशिश होगी कि अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार पैदा किया जाए। इसका मतलब है कि भारत जैसे देशों को अमेरिकी उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर किया जा सकता है, जबकि भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मुश्किल होगी।

Will Trump-Raj have a bad effect on Indian farmers
Will Trump-Raj have a bad effect on Indian farmers

प्रमुख कृषि उत्पादों पर असर

ट्रम्प की नीति के कारण भारत के कई प्रमुख कृषि उत्पादों को नुकसान हो सकता है। इनमें शामिल हैं:

  • मछली
  • मांस
  • सी-फूड
  • दूध और दुग्ध उत्पाद
  • पशु और पशु उत्पाद
  • चावल

इन उत्पादों को अब भारत अमेरिका में नहीं बेच सकेगा, जिससे मछुआरों, धान और दुग्ध उत्पादकों को छोटा वैश्विक बाजार मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें सस्ते दाम पर घरेलू बाजार में अपने उत्पाद बेचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

भारतीय किसानों के लिए चुनौतियाँ

वैश्विक बाजार तक पहुँच की कमी

ट्रम्प की नीति के कारण भारतीय किसानों को वैश्विक बाजार तक पहुँचने में मुश्किल होगी। अमेरिकी उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होगा, और भारतीय उत्पादों की मांग कम हो सकती है।

आर्थिक नुकसान

भारतीय किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है, क्योंकि उनके उत्पादों की कीमतें घट सकती हैं और उनकी आमदनी कम हो सकती है। इससे पहले से ही कमजोर कृषि क्षेत्र और भी कमजोर हो सकता है।

समाधान और सुझाव-

सरकारी हस्तक्षेप

भारत सरकार को किसानों की मदद के लिए कदम उठाने चाहिए। इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना
  • कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना
  • वैकल्पिक बाजारों की तलाश करना किसानों को प्रोत्साहन

किसानों को नई तकनीकों और नवाचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे वे अपनी उपज बढ़ा सकते हैं और लागत कम कर सकते हैं।

वैश्विक सहयोग

भारत को अन्य देशों के साथ व्यापार समझौते करने चाहिए ताकि किसानों को नए बाजार मिल सकें। इससे वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

ट्रम्प-राज का भारतीय किसानों पर बुरा असर हो सकता है, खासकर उन किसानों पर जो मछली, दूध, चावल और अन्य कृषि उत्पादों का उत्पादन करते हैं। अमेरिकी नीतियों के कारण भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मुश्किल होगी, और किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।

हालांकि, सरकारी हस्तक्षेप, किसानों को प्रोत्साहन और वैश्विक सहयोग के माध्यम से इस संकट से निपटा जा सकता है। भारतीय किसानों को नई तकनीकों और नवाचारों को अपनाने की जरूरत है ताकि वे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें और अपनी आमदनी बढ़ा सकें।

इस ब्लॉग के माध्यम से हमने जाना कि कैसे ट्रम्प की नीतियाँ भारतीय किसानों को प्रभावित कर सकती हैं और इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। यह जानकारी न केवल किसानों के लिए उपयोगी है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में भी मददगार साबित हो सकती है।

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