भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री Sunita Williams और उनके सहयोगी बुच विल्मोर 9 महीने बाद अंतरिक्ष से सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनकी वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए हुई। यह यान 17 घंटे की यात्रा के बाद भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में उतरा। इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत की जांच की गई।
सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष मिशन-
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जून 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गए थे। उनका मिशन शुरू में सिर्फ एक सप्ताह का था, लेकिन अंतरिक्ष यान में हीलियम के रिसाव और वेग में कमी के कारण उन्हें 9 महीने तक ISS पर रुकना पड़ा। अंततः स्पेसएक्स के ड्रैगन यान ने उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया।
पृथ्वी पर वापसी की प्रक्रिया-
ड्रैगन यान ने ISS से अनडॉक किया और पृथ्वी की ओर बढ़ना शुरू किया। यान ने वायुमंडल में प्रवेश करते हुए 7,000 डिग्री फ़ारेनहाइट तक का तापमान झेला। इसके बाद यान ने पैराशूट खोले और धीरे-धीरे समुद्र में उतरा। रिकवरी टीम ने यान से अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित निकाला और उनकी सेहत की जांच की।

Sunita Williams के पैतृक गांव में जश्न-
सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव झूलासन (गुजरात) में उनकी सुरक्षित वापसी का जश्न मनाया गया। ग्रामीणों ने आरती और प्रार्थनाएं कीं। सुनीता के चचेरे भाई दिनेश रावल ने बताया कि परिवार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए यज्ञ किया और मंदिरों में प्रार्थनाएं कीं।
PM Modi का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर भारत आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने लिखा, “भले ही आप हजारों मील दूर हैं, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। भारत के लोग आपके अच्छे स्वास्थ्य और आपके मिशन में सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।”
अंतरिक्ष यात्रियों की चुनौतियां
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद पृथ्वी पर लौटने पर अंतरिक्ष यात्रियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। माइक्रोग्रैविटी के कारण उनकी मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसलिए, उन्हें पृथ्वी पर उतरने के बाद स्ट्रेचर पर ले जाया जाता है और उनकी सेहत की जांच की जाती है।
सुनीता विलियम्स का वेतन
नासा के अंतरिक्ष यात्री के तौर पर सुनीता विलियम्स का वेतन लगभग $152,258 (करीब 1.26 करोड़ रुपये) प्रति वर्ष है। यह उनकी विशेषज्ञता और अनुभव को दर्शाता है।
स्पेसएक्स और रूसी यान में अंतर
रूस का सोयुज यान अंतरिक्ष यात्रियों को सिर्फ 3.5 घंटे में पृथ्वी पर वापस ला सकता है, जबकि स्पेसएक्स के ड्रैगन यान को 17 घंटे लगते हैं। इसका कारण यह है कि स्पेसएक्स यान सुरक्षा और लैंडिंग की सटीकता को प्राथमिकता देता है।
अंतरिक्ष यात्रियों की दिनचर्या
अंतरिक्ष में रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं, यंत्रों की मरम्मत करते हैं और व्यायाम करते हैं। सुनीता विलियम्स ने अपने इस मिशन के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए।
सुनीता विलियम्स की प्रेरणादायक कहानी
सुनीता विलियम्स का जन्म अमेरिका में हुआ, लेकिन उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं। उनके पिता दीपक पंड्या 1957 में अमेरिका चले गए थे। सुनीता ने नौसेना में पायलट के तौर पर काम किया और बाद में नासा में अंतरिक्ष यात्री बनीं। उन्होंने अब तक कई अंतरिक्ष मिशन पूरे किए हैं।
अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के पृथ्वी पर उतरने के बाद उनका स्वागत किया गया। उन्हें ह्यूस्टन, टेक्सास में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी सेहत की जांच की गई।
सुनीता विलियम्स की योजनाएं
सुनीता विलियम्स ने बताया कि वह पृथ्वी पर लौटने के बाद अपने दो लैब्राडोर कुत्तों के साथ समय बिताना चाहती हैं और समुद्र में तैरने जाना चाहती हैं। बुच विल्मोर ने कहा कि वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए उत्साहित हैं।
NASA और स्पेसएक्स का सहयोग
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सुरक्षित वापसी नासा और स्पेसएक्स के सहयोग का नतीजा है। यह कमर्शियल स्पेसफ्लाइट के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर है।
अंतरिक्ष यात्रियों का भविष्य
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सफल वापसी से अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भविष्य के मिशनों का रास्ता खुल गया है। नासा और स्पेसएक्स मिलकर भविष्य में और भी अधिक महत्वाकांक्षी मिशनों पर काम करेंगे।
सुनीता विलियम्स का संदेश
सुनीता विलियम्स ने कहा कि अंतरिक्ष में रहने का अनुभव अद्भुत था। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें और कभी हार न मानें।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सुरक्षित वापसी ने दुनिया भर में खुशी की लहर दौड़ा दी है। यह मिशन न केवल अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह मानव साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक भी है। सुनीता विलियम्स ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय मूल के लोग दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं।






