---Advertisement---

सूरत को भारत का ‘Gateway of Trade’ बनाने का plan!

By: khabarme

On: सोमवार, मार्च 31, 2025 6:47 अपराह्न

Plan to make Surat India's 'Gateway of Trade'!
Follow Us
---Advertisement---

सूरत को ‘Gateway of Trade’ बनाने के लिए नीति आयोग का मास्टर प्लान – 54 Project, 2300 एकड़ में ‘भारत बाजार’, और सूरत को ग्लोबल ट्रेडिंग हब बनाने की योजना। जानिए सारी डिटेल्स –

तो दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे प्लान की, जो Surat शहर को भारत का ‘Gateway of Trade’ बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। सूरत, जो पहले से ही अपने डायमंड और टेक्सटाइल के लिए मशहूर है, अब एक नए रंग-रूप में सामने आने वाला है। ये प्लान नीति आयोग ने तैयार किया है, और इसके तहत सूरत को एक इकोनॉमिक रीजन बनाने की योजना है।

इसमें कुल 54 बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स(Projects) शामिल हैं, जो सूरत को न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के नक्शे पर एक खास जगह दिलवाएंगे। और सबसे खास बात? सूरत में 2300 एकड़ में एक ‘भारत बाजार’ बनने जा रहा है, जो चीन के गोंजाऊ और दुबई की तर्ज पर होगा। चलिए, इस प्लान को आसान और बोलचाल की भाषा में समझते हैं कि आखिर ये है क्या और इससे सूरत को क्या फायदा होगा।

Surat Project: क्या है ये और क्यों जरूरी है?

सूरत को आप सब जानते हैं – ये वो शहर है जो डायमंड की चमक और टेक्सटाइल की रंगत के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। लेकिन अब सरकार चाहती है कि सूरत सिर्फ इन दो चीजों तक सीमित न रहे, बल्कि एक ऐसा शहर बने जो ट्रेड यानी व्यापार का बड़ा केंद्र बन जाए।

Plan to make Surat India's 'Gateway of Trade'!
Plan to make Surat India’s ‘Gateway of Trade’!

इसके लिए नीति आयोग ने एक साल तक रिसर्च की, ढेर सारा डेटा इकट्ठा किया, और फिर एक मास्टर प्लान तैयार किया। इस प्लान का मकसद है सूरत को एक ‘इकोनॉमिक रीजन’ बनाना, यानी ऐसा इलाका जो अपनी अर्थव्यवस्था के दम पर खड़ा हो और देश की तरक्की में बड़ा योगदान दे।

इस मास्टर प्लान में 54 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। ये प्रोजेक्ट्स कई सेक्टर्स को कवर करेंगे, जैसे कि टूरिज्म, टेक्सटाइल, डायमंड, केमिकल, फार्मा, इंफ्रास्ट्रक्चर और एग्रीकल्चर। मतलब, सूरत में हर तरह का विकास होगा – चाहे वो पर्यटन हो, उद्योग हो, या फिर खेती। सरकार का मानना है कि इन प्रोजेक्ट्स से सूरत में नौकरियां बढ़ेंगी, बिजनेस बढ़ेगा, और ये शहर भारत का एक मजबूत ट्रेडिंग हब बन जाएगा।

भारत बाजार में सूरत की नई पहचान : Gateway of Trade-

अब आते हैं इस प्लान के सबसे बड़े आकर्षण पर – ‘भारत बाजार’। ये कोई छोटा-मोटा बाजार नहीं है, बल्कि 2300 एकड़ में फैला एक बहुत बड़ा project है। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है – एक हिस्सा बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) और दूसरा बी2सी (बिजनेस टू कंज्यूमर)। ये दोनों हिस्से मिलकर सूरत को एक ग्लोबल ट्रेडिंग सेंटर बनाने में मदद करेंगे। लेकिन ये बी2बी और बी2सी क्या हैं? चलिए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।

B2B मॉडल: गोंजाऊ की तर्ज पर –

B2B का मतलब है बिजनेस टू बिजनेस, यानी ऐसा बाजार जहां बड़े-बड़े व्यापारी आपस में सामान खरीदेंगे और बेचेंगे। ये हिस्सा हाई-स्पीड रेल जोन में 2000 एकड़ में बनाया जाएगा। इसे बनाने का आइडिया चीन के गोंजाऊ शहर से लिया गया है, जो एक बहुत बड़ा थोक बाजार (हॉलसेल मार्केट) है। यहाँ क्या-क्या होगा?

  • हॉलसेल मार्केट: यहाँ बड़े व्यापारी कपड़े, डायमंड, केमिकल जैसी चीजें थोक में खरीद-बेच सकेंगे।
  • मॉल्स और बिजनेस होटल्स: यहाँ बड़े बिजनेसमैन के लिए शॉपिंग और ठहरने की सुविधा होगी।
  • हाउसिंग प्रोजेक्ट्स: लोग यहाँ रह भी सकेंगे।
  • शटल सर्विस, मेट्रो, हेलीपैड: आने-जाने के लिए शानदार सुविधाएं होंगी।
  • ड्रीम सिटी से कनेक्टिविटी: ये हिस्सा ड्रीम सिटी से सीधे जुड़ा होगा, ताकि दोनों जगह आसानी से पहुंचा जा सके।

इस project की लागत करीब 1 बिलियन डॉलर (लगभग 8300 करोड़ रुपये) होगी। इतना बड़ा बाजार बनने से सूरत में बड़े पैमाने पर व्यापार शुरू होगा, और ये भारत के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

बी2सी मॉडल में दुबई की तर्ज पर –

बी2सी का मतलब है बिजनेस टू कंज्यूमर, यानी ऐसा बाजार जहां आम लोग सीधे दुकानों से सामान खरीद सकें। ये हिस्सा ड्रीम सिटी में 310 एकड़ में बनेगा, और इसे दुबई की तरह बनाया जाएगा। दुबई तो आपने सुना ही होगा – वहाँ की शॉपिंग स्ट्रीट्स और मॉल्स पूरी दुनिया में मशहूर हैं। यहाँ क्या-क्या होगा?

  • मॉल्स और शॉपिंग स्ट्रीट: यहाँ आम लोग शॉपिंग कर सकेंगे।
  • मार्केट प्लेस और आर्टिसन विलेज: लोकल कारीगरों के लिए जगह होगी, जहां वो अपने प्रोडक्ट बेच सकेंगे।
  • म्यूजियम: सूरत की संस्कृति और इतिहास को दिखाने के लिए।
  • रेस्तरां और होटल्स: खाने-पीने और ठहरने की शानदार व्यवस्था।
  • शटल सर्विस, मेट्रो, ट्रांसपोर्ट: यहाँ आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3 बिलियन डॉलर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) होगी। ये हिस्सा टूरिस्ट्स और लोकल लोगों के लिए एक बड़ा आकर्षण बनेगा, जिससे सूरत में टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

Project की शुरुआत: कितना पैसा और कैसे होगा काम?

इस बड़े प्लान को हकीकत में बदलने के लिए सरकार और सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सबसे पहले इसके लिए एक RFP (Request for Proposal) टेंडर तैयार किया गया है। आसान भाषा में कहें तो ये एक तरह का न्योता है, जिसमें कंपनियों से कहा गया है कि वो इस प्रोजेक्ट में हिस्सा लें और अपने आइडियाज दें। शुरुआत में इसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। ये तो बस शुरुआत है, आगे चलकर इसमें और भी ज्यादा पैसा लगाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत उत्साहित हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “हम सूरत को ऐसा शहर बनाना चाहते हैं, जिसकी ग्लोबल फूटप्रिंट हो और कनेक्टिविटी भी शानदार हो।” उनका मानना है कि सूरत में टेक्सटाइल, केमिकल और इंजीनियरिंग जैसे उद्योगों को और बढ़ावा देना चाहिए।

सूरत इकोनॉमिक रीजन: 54 प्रोजेक्ट्स से क्या बदलेगा?

सूरत को इकोनॉमिक रीजन बनाने के लिए कुल 54 प्रोजेक्ट्स पर काम होगा। इनमें हर वो सेक्टर शामिल है, जो सूरत की तरक्की के लिए जरूरी है। चलिए, एक-एक करके समझते हैं कि इनसे क्या बदलाव आएगा:

Plan to make Surat India's 'Gateway of Trade'!
Plan to make Surat India’s ‘Gateway of Trade’!
  1. टूरिज्म: सूरत को टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना है। ‘भारत बाजार’ के बी2सी हिस्से से टूरिस्ट्स को यहाँ आने का मौका मिलेगा।
  2. टेक्सटाइल: सूरत पहले से ही टेक्सटाइल का हब है, लेकिन अब इसे और मजबूत किया जाएगा। नए मार्केट्स और टेक्नोलॉजी से ये इंडस्ट्री और बढ़ेगी।
  3. डायमंड: सूरत दुनिया का डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग का सबसे बड़ा केंद्र है। इस सेक्टर में और निवेश होगा, जिससे ये और चमकेगा।
  4. केमिकल: केमिकल इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे नए प्रोडक्ट्स बनेंगे और एक्सपोर्ट बढ़ेगा।
  5. फार्मा: दवाइयों का बिजनेस भी सूरत में तेजी से बढ़ेगा।
  6. इंफ्रास्ट्रक्चर: सड़कें, रेल, मेट्रो, हेलीपैड – सूरत की कनेक्टिविटी को वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा।
  7. एग्रीकल्चर: खेती में नई टेक्नोलॉजी और तरीके लाए जाएंगे, ताकि किसानों को फायदा हो।

इन सब से सूरत की इकॉनमी को एक नई रफ्तार मिलेगी। यहाँ रोजगार बढ़ेगा, बिजनेस बढ़ेगा, और सूरत भारत का एक बड़ा ट्रेडिंग हब बन जाएगा।

यह भी पढ़ें :- निवेश से पहले कंपनी के सीईओ को कैसे परखें?

सूरत का महत्व: पहले से खास, अब और खास

सूरत पहले से ही भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण शहर है। यहाँ से 90% से ज्यादा डायमंड्स एक्सपोर्ट होते हैं, और टेक्सटाइल इंडस्ट्री भी देश की सबसे बड़ी है। लेकिन इस मास्टर प्लान के बाद सूरत की तस्वीर और बदल जाएगी। ये सिर्फ डायमंड या कपड़ों का शहर नहीं रहेगा, बल्कि एक ऐसा ग्लोबल हब बनेगा, जहां हर तरह का व्यापार होगा।

तो दोस्तों, सूरत को ‘गेट वे ऑफ ट्रेड’ बनाने का नीति आयोग का मास्टर प्लान एक बहुत बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना है। 54 प्रोजेक्ट्स के जरिए सूरत को एक इकोनॉमिक रीजन बनाया जाएगा, जिसमें टूरिज्म से लेकर खेती तक हर सेक्टर को मजबूत किया जाएगा।

Plan to make Surat India's 'Gateway of Trade'!
Plan to make Surat India’s ‘Gateway of Trade’!

2300 एकड़ में बनने वाला ‘भारत बाजार’ इस प्लान का सबसे बड़ा हाइलाइट है, जो गोंजाऊ और दुबई की तर्ज पर सूरत को ट्रेडिंग का नया केंद्र बनाएगा। सरकार और कॉर्पोरेशन ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं, और पीएम मोदी का विजन भी इसे सपोर्ट कर रहा है। आने वाले सालों में सूरत न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगा।

तो दोस्तों, ये था सूरत के मास्टर प्लान का पूरा लेखा-जोखा। आपको क्या लगता है, सूरत का भविष्य कितना शानदार होने वाला है? अपनी राय जरूर बताएं!

FAQs:-

1. सूरत मास्टर प्लान क्या है?

सूरत मास्टर प्लान नीति आयोग की एक योजना है, जिसका मकसद सूरत को भारत का ‘गेट वे ऑफ ट्रेड’ बनाना है। इसमें 54 प्रोजेक्ट्स हैं, जो सूरत को इकोनॉमिक रीजन बनाने पर फोकस करते हैं।

2. भारत बाजार क्या है?

‘भारत बाजार’ सूरत में 2300 एकड़ में बनने वाला एक बड़ा बाजार है। ये दो हिस्सों में बंटा है – बी2बी (गोंजाऊ की तरह) और बी2सी (दुबई की तरह)।

3. बी2बी और बी2सी में क्या फर्क है?

बी2बी में व्यापारी आपस में सामान खरीदते-बेचते हैं, जैसे थोक बाजार। बी2सी में दुकानदार सीधे लोगों को सामान बेचते हैं, जैसे मॉल्स।

4. इस प्लान से सूरत को क्या फायदा होगा?

सूरत में बिजनेस बढ़ेगा, नौकरियां बढ़ेंगी, और ये भारत का एक बड़ा ट्रेडिंग हब बन जाएगा। टूरिज्म से भी कमाई होगी।

5. पीएम मोदी का सूरत के लिए क्या विजन है?

पीएम मोदी चाहते हैं कि सूरत एक ग्लोबल शहर बने, जहाँ टेक्सटाइल, केमिकल और इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज हों और कनेक्टिविटी शानदार हो।

6. इस प्रोजेक्ट के लिए कितना पैसा रखा गया है?

शुरुआत में 50 करोड़ रुपये रखे गए हैं। बी2बी की लागत 1 बिलियन डॉलर और बी2सी की 3 बिलियन डॉलर होगी।

7. सूरत इकोनॉमिक रीजन में कौन-कौन से सेक्टर्स होंगे?

टूरिज्म, टेक्सटाइल, डायमंड, केमिकल, फार्मा, इंफ्रास्ट्रक्चर और एग्रीकल्चर।

khabarme

khabarme

"हर सेक्टर की खबर, एक ही जगह।"

"KhabarMe एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहाँ आप पाते हैं देश-दुनिया की बड़ी खबरें — टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटो सेक्टर, हेल्थ वेलनेस, स्पोर्ट्स और मैनेजमेंट फंडा से जुड़ी हर जानकारी, बिलकुल स्पष्ट, अपडेटेड और विश्वसनीय रूप में, जिससे आप हर दिन informed और aware रहें।"

For Feedback - feedback@example.com

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment