Mahakumbh 2025 की शुरुआत हो चुकी है, और इस अवसर पर दुनिया भर से लोग प्रयागराज में जमा हो रहे हैं। इस बीच, एक बड़ी खबर सामने आई है कि स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने हिंदू धर्म (Hinduism) अपना लिया है और उन्होंने अपना नाम ‘कमला’ रख लिया है।
Lauren Powell Jobs ने महाक�कुंभ 2025 में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंची हैं और उन्होंने ‘कल्पवास’ के लिए पंजीकरण कराया है। ‘कल्पवास’ महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिसमें साधु-संत और श्रद्धालु एक महीने तक गंगा नदी के किनारे रहते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने कहा,
“मैं हिंदू धर्म (Hinduism) की गहराई और इसके दर्शन से बहुत प्रभावित हुई हूं। मैंने Mahakumbh 2025 में शामिल होने का फैसला किया है ताकि मैं इस धर्म के बारे में अधिक जान सकूं और अपने आप को इसके सिद्धांतों के अनुसार ढाल सकूं।”

Mahakumbh 2025 की शुरुआत
महाकुंभ 2025 की शुरुआत 14 जनवरी 2025 को हुई थी और यह 22 मार्च 2025 तक चलेगा। इस दौरान, प्रयागराज में लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु जमा होने की उम्मीद है। महाकुंभ के दौरान, श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और साधु-संतों का आशीर्वाद लेते हैं।

Mahakumbh 2025 की क्या क्या गतिविधियाँ है ?
महाकुंभ 2025 की मुख्य गतिविधियों में शामिल हैं,जिनमें में मुख्य है :
- शाही स्नान: महाकुंभ के दौरान, श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करते हैं। यह स्नान बहुत पवित्र माना जाता है और इसके दौरान, श्रद्धालु अपने पापों को धोने के लिए गंगा नदी में स्नान करते हैं।
- कल्पवास: कल्पवास महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिसमें साधु-संत और श्रद्धालु एक महीने तक गंगा नदी के किनारे रहते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
- पूजा-पाठ: महाकुंभ के दौरान, श्रद्धालु विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और पाठ करते हैं।
- साधु-संतों का आशीर्वाद: महाकुंभ के दौरान, श्रद्धालु साधु-संतों का आशीर्वाद लेते हैं और उनके चरणों में नमन करते हैं।
महाकुंभ 2025 एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयोजन है और इसके दौरान, दुनिया भर से लोग प्रयागराज में जमा हो रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व का भी है।
महाकुम्भ 2025 में विदेशी पर्यटक :-
महाकुम्भ 2025 में 15 लाख से अधिक विदेशी पर्यटकों के आने का अनुमान है, जो इस आयोजन को विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक घटना बनाता है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने विदेशी पर्यटकों के लिए एक ‘टेंट सिटी’ तैयार की है, जिसमें आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
Mahakumbh 2025 में शामिल होने वाले श्रद्धालु अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे स्थलों की यात्रा कर सकेंगे, इसके लिए हवाई यात्राओं की व्यवस्था की गई है। कलाग्राम, जो महाकुम्भ 2025 का एक मुख्य आकर्षण होगा, भारतीय लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को जीवंत मंच प्रदान करेगा। यहां चार धामों का मंच प्रदर्शन, 12 ज्योतिर्लिंगों का भव्य प्रवेश द्वार, अविरल शाश्वत कुम्भ प्रदर्शनी, 7 क्षेत्रीय संस्कृति आंगन में सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन होगा।
Mahakumbh 2025 में अनुभूति मंडपम का गहन अनुभव, 230 से अधिक कारीगरों द्वारा भारत की शिल्प कला को प्रदर्शित करने, देश के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक भोजन स्टॉल के माध्यम से भारतीय व्यंजनों का स्वाद, 14,630 से अधिक सांस्कृतिक कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुतियां और विभिन्न गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में सहभागिता का अवसर मिलेगा।
कुंभ मेला का महत्व:
- पाप मोचन: हिंदू धर्म में माना जाता है कि कुंभ मेला में स्नान करने से पापों का मोचन होता है।
- पुण्य अर्जन: कुंभ मेला में दान, पूजा और अन्य धार्मिक कार्य करने से पुण्य अर्जित होता है।
- आध्यात्मिक अनुभव: कुंभ मेला एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है और लोगों को धार्मिकता की ओर प्रेरित करता है।
कुंभ मेला का समापन:
कुंभ मेला 2025 का समापन 4 मार्च 2025 को हुआ। इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक आयोजन किए गए।
उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके मन में कुंभ मेला के बारे में और कोई प्रश्न हैं तो बेझिझक पूछ सकते हैं।
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नोट: यह जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें। यहां आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करें।






