अब भारत में Gold की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार! क्या है कारण – ट्रंप की नीतियां, रुपये की कमजोरी या शादियों का सीजन – जानिए सोना महंगा होने के कारण, इतिहास, और भविष्य की संभावनाएं।
सोने(Gold) का लखटकिया सफर-
सोना, जिसे हम “लखटकिया” कह रहे हैं, आज भारत में हर किसी की जुबान पर है। 22 अप्रैल 2025 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 1,00,000 रुपये के पार पहुंच गई। ये कोई छोटी बात नहीं है! आजादी के समय 1947 में 10 ग्राम सोने की कीमत सिर्फ 88.62 रुपये थी, और 1964 में तो ये और भी कम होकर 63.25 रुपये हो गई थी।
लेकिन पिछले 78 सालों में सोना चंद रुपयों से लाखों तक पहुंच गया। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि सोना इतना महंगा क्यों हो रहा है, इसके पीछे क्या कारण हैं, और इसका असर आम लोगों और बाजार पर क्या पड़ रहा है।
सोने की कीमतों का इतिहास
सोने की कीमतों का सफर बड़ा दिलचस्प है:
- 1947: आजादी के समय 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 88.62 रुपये थी।
- 1964: ये और कम होकर 63.25 रुपये तक पहुंच गई।
- 2006: सोने ने पहली बार 10,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छुआ।
- 2025: अप्रैल में सोने की कीमत 1,00,000 रुपये के पार चली गई।
पिछले 20 दिनों में सोने की कीमत 10% बढ़ी, और इस साल अब तक 22,000 रुपये से ज्यादा की उछाल आई। सिर्फ एक महीने में 10,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमत 3,510 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई।
सोना महंगा होने के प्रमुख कारण
- ट्रंप की आर्थिक नीतियां और टैरिफ युद्ध-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां सोने की कीमतों पर बड़ा असर डाल रही हैं। ट्रंप ने चीन और अन्य देशों के साथ ट्रेड वॉर शुरू किया है, जिसमें ऊंचे टैरिफ (आयात शुल्क) लगाए जा रहे हैं। इससे वैश्विक कारोबार में अनिश्चितता बढ़ गई है। लोग डर रहे हैं कि कहीं मंदी न आ जाए। ऐसे में निवेशक सुरक्षित ऑप्शन की तलाश में सोने की ओर भाग रहे हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत बढ़ रही है। - रुपये की कमजोरी–
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 4% की गिरावट आई है। क्योंकि सोना भारत में आयात किया जाता है, और इसकी कीमत डॉलर में तय होती है, रुपये की कमजोरी से सोना और महंगा हो रहा है। - वैश्विक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव-
दुनिया के कई हिस्सों में भू-राजनीतिक तनाव (जैसे युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता) बने हुए हैं। शेयर बाजार में हाल ही में गिरावट आई, जिससे लोग रिस्की निवेश से बच रहे हैं। सोना एक “सेफ हेवन” इनवेस्टमेंट माना जाता है, यानी जब बाकी निवेश जोखिम में हों, तो लोग सोने में पैसा लगाते हैं। इससे सोने की मांग बढ़ रही है। - फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें-
अमेरिका का फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती की बात कर रहा है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो बैंक डिपॉजिट और बॉन्ड्स से रिटर्न कम मिलता है। ऐसे में लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं, जिससे इसकी कीमत बढ़ रही है। - शादियों का सीजन और भारत में मांग-
भारत में शादियों का सीजन शुरू हो गया है, और सोना शादियों का अहम हिस्सा है। हालांकि कीमतें बढ़ने से आभूषणों की मांग थोड़ी कम हुई है, लेकिन फिर भी सोने की डिमांड बनी हुई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक, 2024 में भारत में सोने की मांग अपने चरम पर थी। - गोल्ड ETF में निवेश-
दुनियाभर में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) में निवेश 12% बढ़कर 8.6 अरब डॉलर हो गया। ये फंड्स सोने में निवेश करते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत बढ़ रही है।
भारत में सोने की मांग और आयात
भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा खरीदार देशों में से एक है, लेकिन हम अपने देश में ज़रूरत जितना सोना प्रोड्यूस नहीं कर पाते। इसलिए हमें इसे आयात करना पड़ता है।
- 2023: भारत ने 42.6 अरब डॉलर का सोना आयात किया।
- 2024 (11 महीने): 47 अरब डॉलर का सोना आयात हुआ, जो अब तक का रिकॉर्ड है।
दुनिया में सबसे ज्यादा सोना खरीदने वाला देश चीन है, जिसने 2023 में 224.88 मीट्रिक टन सोना खरीदा। तुर्की, पोलैंड, सिंगापुर जैसे देश भी बड़े खरीदार हैं।
सोने की बिक्री और रुझान
उच्च कीमतों का फायदा उठाने के लिए कई निवेशक सोने के सिक्के और आभूषण बेच रहे हैं।
- 2023 (मार्च तिमाही): 34.8 टन सोना बेचा गया।
- 2024 (मार्च तिमाही): 38.3 टन सोना बेचा गया।
- 2025 (अनुमान): आखिरी तिमाही में 40 टन से ज्यादा सोना बिक सकता है।
आभूषणों की मांग कम होने से ज्वैलर्स अब 14 कैरेट और 9 कैरेट सोने पर फोकस कर रहे हैं, ताकि आम लोग इसे खरीद सकें। 9 कैरेट सोने की हॉलमार्किंग के लिए भी कोशिशें चल रही हैं।
महंगाई और इसका असर
भारत में महंगाई थोड़ी कम हुई है। मार्च 2025 में खुदरा महंगाई 3.34% थी, जो फरवरी के 3.61% से कम है। ये पिछले 67 महीनों में सबसे कम स्तर है। लेकिन विदेशों में महंगाई का डर बरकरार है, जिससे सोने की मांग बढ़ रही है।
सोने की कीमतों का असर
- आभूषण उद्योग: कीमतें बढ़ने से लोग कम आभूषण खरीद रहे हैं, जिससे ज्वैलरी इंडस्ट्री चिंतित है।
- निवेशक: जिन्होंने सोने में निवेश किया था, वो अब मुनाफा कमा रहे हैं।
- आम लोग: शादियों और त्योहारों में सोना खरीदना अब महंगा पड़ रहा है।
तुलना तालिका: सोने की कीमतों का इतिहास
| साल | कीमत (10 ग्राम, 24 कैरेट) | टिप्पणी |
|---|---|---|
| 1947 | 88.62 रुपये | आजादी के समय |
| 1964 | 63.25 रुपये | सबसे कम कीमत |
| 2006 | 10,000 रुपये | पहली बार 10,000 का आंकड़ा छुआ |
| 2025 | 1,00,000 रुपये | लखटकिया स्तर को पार किया |
सोना खरीदने से पहले ध्यान देने वाली बातें
- बजट: अपनी जेब के हिसाब से सोना खरीदें। 14 या 9 कैरेट सोना सस्ता हो सकता है।
- हॉलमार्किंग: हमेशा हॉलमार्क वाला सोना खरीदें, ताकि शुद्धता की गारंटी हो।
- निवेश बनाम आभूषण: अगर निवेश करना चाहते हैं, तो सिक्के या गोल्ड ETF बेहतर हैं।
- बाजार का समय: कीमतें ऊंची हैं, तो थोड़ा इंतज़ार कर सकते हैं।
- विश्वसनीय दुकान: हमेशा भरोसेमंद ज्वैलर से खरीदें।
सोना आज “लखटकिया” बन चुका है, और इसके पीछे कई वैश्विक और स्थानीय कारण हैं। ट्रंप की नीतियों से लेकर रुपये की कमजोरी और शादियों के सीजन तक, हर चीज़ ने सोने की कीमतों को आसमान छूने में मदद की है।
अगर आप सोना खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो बाजार के रुझानों पर नज़र रखें और सही समय पर फैसला लें। ये आर्टिकल आपको पसंद आया हो, तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। अपनी राय कमेंट्स में ज़रूर बताएं!
FAQs:
- सोना इतना महंगा क्यों हो रहा है?
ट्रंप की नीतियां, रुपये की कमजोरी, वैश्विक अनिश्चितता, और शादियों के सीजन जैसे कई कारणों से सोने की मांग और कीमत बढ़ रही है। - क्या अभी सोना खरीदना चाहिए?
अगर शादी या ज़रूरी काम के लिए चाहिए, तो खरीद सकते हैं। निवेश के लिए थोड़ा इंतज़ार करना बेहतर हो सकता है। - भारत में सोना कहां से आता है?
भारत में सोना आयात किया जाता है, क्योंकि हमारा उत्पादन बहुत कम है। - गोल्ड ETF क्या है?
गोल्ड ETF एक तरह का निवेश है, जिसमें आप फिजिकल सोना खरीदे बिना सोने की कीमतों पर पैसा लगा सकते हैं। - क्या सोने की कीमतें और बढ़ेंगी?
वैश्विक अनिश्चितता और मांग को देखते हुए कीमतें बढ़ सकती हैं, लेकिन सटीक भविष्यवाणी मुश्किल है।
Disclaimer:- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन सोर्स, सराफा बाजार के डेटा, और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट्स पर आधारित है। सोने की कीमतें बाजार के हालात के हिसाब से बदल सकती हैं। निवेश या खरीदारी से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइज़र या ज्वैलर से सलाह लें। हम किसी भी गलत जानकारी या नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे।






