Budget 2024-25: 20 प्रमुख घोषणाएं जो हम से जुड़े है।
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 का Budget पेश किया है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, रक्षा, पर्यटन, कृषि, और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। यह बजट देश के समग्र विकास और आम जनता के जीवन स्तर को सुधारने पर केंद्रित है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि इस बजट में क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं।
1. स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा-
मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ेंगी
- अगले साल मेडिकल कॉलेजों में 10,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
- अगले 5 साल में 75,000 और 10 साल में कुल 1.1 लाख सीटें बढ़ाई जाएंगी।
- पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों में 130% की वृद्धि हुई है।
- ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। वर्तमान में, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति 10,000 लोगों पर केवल 3 डॉक्टर हैं।

आईआईटी में सीटें बढ़ेंगी
- 23 आईआईटी संस्थानों में 6,500 नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
- पिछले 10 साल में आईआईटी सीटों की संख्या 65,000 से बढ़कर 1.35 लाख हो गई है।
2. पर्यटन को बढ़ावा-
50 नए पर्यटन केंद्र विकसित होंगे
- राज्य सरकारों के सहयोग से 50 नए पर्यटन केंद्र बनाए जाएंगे।
- पर्यटन क्षेत्र के बेहतर प्रबंधन के लिए राज्यों को कर्ज और प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- विदेशी पर्यटकों के लिए ई-वीजा और वीजा मुक्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

होम स्टे और होटल के लिए लोन
- होम स्टे और होटल स्थापित करने के लिए मुद्रा योजना के तहत कर्ज दिया जाएगा।
- राज्यों को बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए अलग से फंड मिलेगा।
3. स्ट्रीट वेंडरों के लिए सहायता-
पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार
- स्ट्रीट वेंडरों के लिए लोन की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दी गई है।
- यह लोन UPI लिंक्ड क्रेडिट कार्ड के जरिए मिलेगा।
- इस योजना से 68 लाख लोगों को फायदा होगा।

ग्रामीण क्रेडिट स्कोर फ्रेमवर्क
- ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की क्रेडिट जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ फ्रेमवर्क विकसित किया जाएगा।
4.ऊर्जा क्षेत्र में सुधार
छोटे परमाणु रिएक्टर बनेंगे
- 5 छोटे परमाणु रिएक्टर बनाए जाएंगे, जो क्लीन एनर्जी का हिस्सा होंगे।
- 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
- रिएक्टर रिसर्च और तकनीक पर निवेश किया जाएगा।

राज्यों को कर्ज में छूट
- बिजली सुधार के लिए राज्यों को जीडीपी के 0.5% तक अतिरिक्त कर्ज की अनुमति दी जाएगी।
- 68 सरकारी बिजली कंपनियों को इससे फायदा होगा।
5. कृषि और उर्वरक
उर्वरक सब्सिडी बढ़ी
- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उर्वरकों पर 3.71 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
- यह राशि पिछले साल के अनुमान से 0.70% अधिक है।

असम में नया उर्वरक संयंत्र
- असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाला नया उर्वरक संयंत्र बनेगा।
- इससे यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
6. मेक इन इंडिया को बढ़ावा-
एलईडी और एलसीडी टीवी सस्ते होंगे
- एलसीडी और एलईडी टीवी निर्माण में इस्तेमाल होने वाले ओपन सेल पुर्जों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी पूरी तरह खत्म कर दी गई है।
- इससे टीवी की कीमतें कम होंगी और घरेलू निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर ड्यूटी बढ़ी
- इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले (आईएफपीडी) पर मूल सीमा शुल्क 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
7. रक्षा बजट में वृद्धि
सेना का आधुनिकीकरण
- रक्षा बजट में 9% की वृद्धि की गई है, जो अब 6.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
- सेना के आधुनिकीकरण पर 1.8 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
- नए लड़ाकू विमानों, ड्रोन, तोपों और सैन्य सामान की खरीद के लिए 26.43% राशि आवंटित की गई है।
- रक्षा खरीद का 75% हिस्सा घरेलू बाजार से होगा।

8. शिक्षा क्षेत्र में नई पहल
स्कूलों में ब्रॉडबैंड और टिंकरिंग लैब
- अगले 5 साल में 50,000 सरकारी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब खोली जाएंगी।
- सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा।

पीएम रिसर्च फेलोशिप
- अगले 5 साल में आईआईटी और आईआईएससी में 10,000 युवाओं को रिसर्च फेलोशिप दी जाएगी।
- इसका उद्देश्य शीर्ष अनुसंधान प्रतिभाओं को आकर्षित करना है।
9. जल जीवन मिशन का विस्तार-
2028 तक मिशन जारी रहेगा
- 2019 से अब तक 15 करोड़ घरों में शुद्ध नल जल कनेक्शन दिया गया है।
- 100% लक्ष्य हासिल करने के लिए यह मिशन 2028 तक बढ़ाया गया है।
- इसके लिए 67,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है।

10. रेलवे बजट में कटौती-
डीजल इंजन की विदाई
- रेलवे का बजट 2.55 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जो पिछले साल से कम है।
- मार्च 2024 तक रेल नेटवर्क का पूरी तरह विद्युतीकरण हो जाएगा।
- इसके बाद डीजल इंजन की विदाई पर काम शुरू होगा।

11. टियर-2 शहरों का विकास-
ग्लोबल कंपनियों का आगमन
- अहमदाबाद, भोपाल, इंदौर, जयपुर जैसे टियर-2 शहरों में वैश्विक कंपनियां आएंगी।
- इससे 20 लाख नए रोजगार पैदा होंगे।

12. डाक सेवाओं का आधुनिकीकरण-
डाकघर अब लॉजिस्टिक ऑर्गेनाइजेशन बनेंगे।
1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों और 2.4 लाख डाक सेवकों के नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा।
भारत पोस्ट को एक बड़े लॉजिस्टिक्स संगठन में बदला जाएगा।

13. निर्यात को बढ़ावा-
निर्यातकों को आसान कर्ज मिलेगा।
ट्रेड दस्तावेजों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है।

14. बुनियादी ढांचे का विकास-
पीपीपी प्रोजेक्ट्स को इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फंड (आईआईपीडीएफ) के जरिए मदद दी जाएगी।
इस साल कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 11.20 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है।
15. सड़क परिवहन-
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को 2.85 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं।
एनएचएआई को 1.87 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछले साल से 10% अधिक है।

16. शिक्षा-
अगले पांच साल में 50 हजार सरकारी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब खोली जाएंगी।
सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा।
एक करोड़ से अधिक प्राचीन भारतीय पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जाएगा।
सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा के लिए किताबें डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध होंगी।
8 करोड़ बच्चों के पोषण के लिए सक्षम आंगनवाड़ी योजना शुरू की जाएगी।

17. एआई-
500 करोड़ रुपये से शिक्षा क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एआई बनेंगे।
2023 में कृषि, स्वास्थ्य और सस्टेनेबल सिटीज के लिए ऐसे सेंटर बने थे।
एआई चैटबॉट के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।
इनोवेशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं।

18. पीएम रिसर्च फेलोशिप-
पांच साल में आईआईटी और आईआईएससी में 10,000 फेलोशिप दी जाएंगी।
फेलोशिप की वित्तीय सहायता बढ़ाई जाएगी।
निजी क्षेत्र के लिए अनुसंधान और नवाचार पर 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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