हाय दोस्तों, भारत में पिछले कुछ दशकों में कई बड़े aircraft accidents हुए हैं, जिन्होंने न सिर्फ लोगों की जान ली, बल्कि एविएशन इंडस्ट्री में सेफ्टी को लेकर बड़े सवाल भी उठाए। चाहे वो हवा में विमानों का टकराना हो, खराब मौसम की वजह से क्रैश, या टेबलटॉप रनवे की दिक्कतें—इन हादसों ने बहुत कुछ सिखाया। आइए, भारत के कुछ सबसे बड़े aircraft accidents को आसान हिंदी में समझते हैं, जो कि कैटेगरी के हिसाब से बताए गए हैं। ये जानकारी इतिहास और हाल की खबरों पर आधारित है, और मैं इसे अपने शब्दों में बता रहा हूँ ताकि आपको साफ और सटीक जानकारी मिले।
1. रनवे से फिसलने की घटनाएं
7 अगस्त 2020, कालीकट
कालीकट में एक दुखद aircraft accident हुआ, जब एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट रनवे से फिसलकर बाहर चली गई। इस हादसे में 21 लोग मारे गए। ये विमान दुबई से आ रहा था, और भारी बारिश में लैंडिंग के दौरान ये हादसा हुआ। जांच में पता चला कि पायलट ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (SOP) का पूरी तरह पालन नहीं किया। ये aircraft accident टेबलटॉप रनवे की सेफ्टी को लेकर भी चर्चा में रहा, क्योंकि कालीकट का रनवे ऐसी जगह पर है जहां आसपास खाई है।

22 मई 2010, मैंगलोर-
मैंगलोर में हुआ aircraft accident भारत के सबसे बड़े हादसों में से एक है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट 812, जो दुबई से आ रही थी, मैंगलोर हवाई अड्डे के टेबलटॉप रनवे को पार करके खाई में गिर गई। इस हादसे में 158 लोग मारे गए। जांच में पायलट की गलती और टेबलटॉप रनवे की सेफ्टी से जुड़े सवाल सामने आए। इस aircraft accident ने एविएशन सेफ्टी पर बड़ी बहस छेड़ दी, और रनवे डिजाइन को बेहतर करने की मांग उठी।

2. मिड-एयर टक्कर
12 नवंबर 1996, चरखी दादरी
चरखी दादरी में हुआ aircraft accident भारत का सबसे बड़ा विमान हादसा है। सऊदी अरेबियन एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस के दो विमान हवा में टकरा गए। इस हादसे में 349 लोग मारे गए। जांच में पता चला कि कजाख पायलट को अंग्रेजी ठीक से नहीं आती थी, जिसके कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के इंस्ट्रक्शन्स समझने में गलति हुई। ये aircraft accident एविएशन में कम्युनिकेशन और सेफ्टी प्रोटोकॉल्स को और सख्त करने का सबब बना।
3. लैंडिंग के दौरान हादसे
17 जुलाई 2000, पटना
पटना में एक और दुखद aircraft accident हुआ, जब एलायंस एयर का बोइंग 737 लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया। इस हादसे में 60 लोग मारे गए। जांच में सामने आया कि पायलट ने गलत दृष्टिकोण अपनाया और खराब मौसम ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। इस aircraft accident ने छोटे एयरपोर्ट्स पर सेफ्टी इक्विपमेंट्स की कमी को उजागर किया, जिसके बाद कई सुधार किए गए।
14 फरवरी 1990, बेंगलुरु
बेंगलुरु में इंडियन एयरलाइंस की एयरबस A320 लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गई। इस aircraft accident में 92 लोग मारे गए। जांच में पता चला कि ऑटोथ्रॉटल सिस्टम में खराबी थी, और पायलट ने मैन्युअल कंट्रोल लेने में देरी की। ये हादसा नए टेक्नोलॉजी वाले विमानों में पायलट ट्रेनिंग की जरूरत को सामने लाया।
4. टेकऑफ के दौरान हादसे
26 अप्रैल 1993, औरंगाबाद
औरंगाबाद में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट टेकऑफ के दौरान एक ट्रक और बिजली की लाइनों से टकरा गई। इस aircraft accident में 55 लोग मारे गए। जांच में ग्राउंड स्टाफ और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच कम्युनिकेशन में कमी को कारण बताया गया। इस हादसे ने छोटे एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड सेफ्टी को लेकर सवाल उठाए, और नए नियम लागू किए गए।
1 जनवरी 1978, मुंबई
मुंबई में एयर इंडिया का बोइंग 747 टेकऑफ के तुरंत बाद अरब सागर में गिर गया। इस aircraft accident में सभी 213 लोग मारे गए। जांच में पायलट की गलती और इंस्ट्रूमेंट्स में खराबी को जिम्मेदार ठहराया गया। ये हादसा भारत के सबसे पुराने और दुखद aircraft accidents में से एक है, जिसने एविएशन सेफ्टी को और सख्त करने की जरूरत बताई।
5. खराब मौसम और नेविगेशन की गलतियां
16 अगस्त 1991, इम्फाल
इम्फाल में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट एक पहाड़ी इलाके में क्रैश हो गई। इस aircraft accident में 69 लोग मारे गए। जांच में खराब मौसम, पायलट की गलती, और नेविगेशन सिस्टम में त्रुटि को कारण बताया गया। इस हादसे ने पहाड़ी इलाकों में उड़ान के लिए बेहतर नेविगेशन सिस्टम्स की जरूरत को उजागर किया।
19 अक्टूबर 1988, अहमदाबाद
अहमदाबाद में इंडियन एयरलाइंस का एक और aircraft accident हुआ, जिसमें 133 लोग मारे गए। जांच में पता चला कि पायलट ने ऑटोमेटेड चेतावनियों को अनदेखा किया, जिसके कारण विमान क्रैश हो गया। ये हादसा पायलट ट्रेनिंग और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर सवाल उठाता है।
6. अन्य कारण: खराब मौसम और रनवे की स्थिति
21 जून 1982, मुंबई
मुंबई में एयर इंडिया का विमान भारी बारिश के दौरान लैंडिंग करते समय क्रैश हो गया। इस aircraft accident में 17 लोग मारे गए। जांच में खराब मौसम और रनवे की खराब स्थिति को मुख्य कारण बताया गया। इस हादसे ने बरसात के मौसम में उड़ानों की सेफ्टी को लेकर नए नियम लाने में मदद की।
भारत में हुए ये aircraft accidents न सिर्फ दुखद थे, बल्कि इनसे एविएशन इंडस्ट्री ने बहुत कुछ सीखा। चरखी दादरी का मिड-एयर टकराव हो या मैंगलोर का टेबलटॉप रनवे हादसा, हर घटना ने सेफ्टी, ट्रेनिंग, और टेक्नोलॉजी को बेहतर करने की जरूरत बताई।
आज के समय में, इन हादसों की वजह से भारत में एविएशन सेफ्टी पहले से कहीं ज्यादा सख्त है। फिर भी, हाल के aircraft accidents जैसे अहमदाबाद में 2025 का हादसा दिखाता है कि अभी भी सुधार की जरूरत है। इन घटनाओं को याद करके हम भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने की दिशा में काम कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: ये ब्लॉग सिर्फ जानकारी देने के लिए लिखा गया है और इतिहास व हाल की खबरों पर आधारित है। इसमें कोई कॉपीराइट सामग्री नहीं है। सटीक जानकारी के लिए भरोसेमंद न्यूज़ सोर्स या ऑफिशियल रिपोर्ट्स चेक करें। लेखक का मकसद सिर्फ जागरूकता फैलाना है, और ये किसी भी तरह का पॉलिटिकल या कमर्शियल स्टेटमेंट नहीं है।






