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भारत और यूएई के रिश्तों में नई ताकत: पीएम मोदी और दुबई के क्राउन प्रिंस की मुलाकात

By: khabarme

On: बुधवार, अप्रैल 9, 2025 4:56 अपराह्न

New energy in India-UAE relations... resolve for a future rich with opportunities and innovations
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हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मुलाकात की और दोनों ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के रिश्तों को और मजबूत करने का वादा किया। ये मुलाकात मंगलवार को दिल्ली में हुई, और इसमें दोनों देशों के बीच दोस्ती को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की बात हुई।

पीएम मोदी ने कहा कि दुबई ने भारत और यूएई की खास साझेदारी को आगे बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। वहीं, शेख हमदान ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते भरोसे पर टिके हैं और ये आने वाले दिनों में अवसरों, नई सोच और खुशहाली से भरे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।

शेख हमदान अपनी पहली आधिकारिक दो दिन की यात्रा पर दिल्ली आए हैं। उनके साथ यूएई के बड़े अधिकारी और बिजनेस लीडर्स का एक खास ग्रुप भी है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, टेक्नोलॉजी, शिक्षा, खेल और लोगों के आपसी रिश्तों को मजबूत करने की उम्मीद है। तो चलिए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और देखते हैं कि ये मुलाकात क्यों इतनी खास है।


एक ऐतिहासिक मुलाकात

जब दो बड़े देशों के लीडर मिलते हैं, तो ये सिर्फ एक मुलाकात नहीं होती, बल्कि दोस्ती और भविष्य की नींव रखने का मौका होता है। पीएम मोदी और शेख हमदान की ये मुलाकात भी कुछ ऐसी ही थी। पीएम ने कहा कि शेख हमदान की ये खास यात्रा दोनों देशों की दोस्ती को और गहरा करेगी।

उन्होंने ये भी बताया कि भारत और यूएई के रिश्ते बहुत पुराने और मजबूत हैं, जो आपसी भरोसे और एक-दूसरे के लिए अच्छी सोच पर टिके हैं।

शेख हमदान यूएई के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री भी हैं। वो अपने साथ एक हाई-लेवल टीम लेकर आए हैं, जिसमें बिजनेस और सरकारी लोग शामिल हैं। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर बात की—जैसे कि व्यापार बढ़ाना, निवेश के नए रास्ते खोलना, रक्षा में साथ मिलकर काम करना, ऊर्जा के क्षेत्र में नई शुरुआत, टेक्नोलॉजी को आगे ले जाना, शिक्षा में सहयोग, खेल को बढ़ावा देना और दोनों देशों के लोगों को और करीब लाना।


यूएई में भारतीयों का योगदान

एक बात जो इस मुलाकात में खास तौर पर सामने आई, वो थी यूएई में रहने वाले 43 लाख भारतीयों की। पीएम मोदी ने इसके लिए यूएई के नेताओं का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि वहां रहने वाले भारतीय दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

ये लोग न सिर्फ वहां मेहनत से काम करते हैं, बल्कि भारत और यूएई के बीच एक कड़ी का काम भी करते हैं। यूएई ने इन भारतीयों के लिए अच्छा माहौल दिया है, जिससे दोनों देशों का भरोसा और बढ़ा है।


शेख हमदान का नजरिया

दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान ने भी इस मुलाकात के बाद अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारत और यूएई के रिश्ते बहुत खास हैं, और इनकी नींव इतिहास ने रखी है।

वो मानते हैं कि दोनों देश मिलकर एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं, जिसमें ढेर सारे मौके हों, नई-नई चीजें हों और सबके लिए खुशहाली हो। उन्होंने ये भी कहा कि ये रिश्ते सिर्फ सरकारों के बीच नहीं, बल्कि लोगों के दिलों के बीच भी हैं।

शेख हमदान की बातों से साफ है कि वो भारत के साथ दोस्ती को बहुत अहमियत देते हैं। उनकी ये सोच दोनों देशों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है।


पीएम मोदी का सोशल मीडिया मैसेज

मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान से मिलकर बहुत खुशी हुई। दुबई ने भारत और यूएई की साझेदारी को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनकी ये खास यात्रा हमारी गहरी दोस्ती को और मजबूत करेगी।”

उन्होंने पिछले साल अपनी यूएई यात्रा को भी याद किया और वहां के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहवान और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम को शुभकामनाएं दीं।


रक्षा में नया सहयोग

इस यात्रा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शेख हमदान से मुलाकात की। ये मुलाकात साउथ ब्लॉक में हुई और इसे बहुत फायदेमंद बताया गया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लिए यूएई के साथ रणनीतिक साझेदारी बहुत जरूरी है। वो चाहते हैं कि आने वाले सालों में दोनों देश रक्षा, टेक्नोलॉजी और नई चीजों को मिलकर बनाने पर काम करें।

दोनों नेताओं ने मौजूदा रक्षा सहयोग पर खुशी जताई। इसमें सैन्य अभ्यास, ट्रेनिंग प्रोग्राम और तटरक्षक सहयोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा में सहयोग को और बढ़ाने की जरूरत है, ताकि वो व्यापार और बिजनेस की तरह ही तरक्की करे। दोनों देशों ने एक एमओयू (समझौता) के जरिए तटरक्षक सहयोग को और मजबूत करने का फैसला भी लिया।


विदेश मंत्री जयशंकर की बात

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी शेख हमदान से मुलाकात की और उनकी पहली भारत यात्रा का स्वागत किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “शेख हमदान का भारत आना हमारे रिश्तों के लिए बहुत अच्छा है। उनके सकारात्मक विचारों की मैं तारीफ करता हूं। हमारे बीच सहयोग और लोगों के रिश्ते बहुत शानदार हैं।”


भारत और यूएई का इतिहास

भारत और यूएई के रिश्ते कोई नई बात नहीं हैं। ये सालों से चले आ रहे हैं। पुराने जमाने में दोनों देशों के बीच व्यापार होता था। भारत से मसाले, कपड़े और गहने यूएई जाते थे, और वहां से मोती और खजूर भारत आते थे। आज भी ये रिश्ते उतने ही मजबूत हैं, बस अब इसमें नए क्षेत्र जुड़ गए हैं—like टेक्नोलॉजी, ऊर्जा और रक्षा।

यूएई में भारतीयों की बड़ी संख्या ने भी इन रिश्तों को खास बनाया है। वहां भारतीय लोग बिजनेस, नौकरी और दूसरी चीजों में बड़ा योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा, दोनों देश एक-दूसरे की संस्कृति को भी सम्मान देते हैं।


क्या खास है इस यात्रा में?

शेख हमदान की ये यात्रा कई मायनों में खास है। पहली बार वो आधिकारिक तौर पर भारत आए हैं। उनके साथ बिजनेस लीडर्स का ग्रुप भी है, जो ये दिखाता है कि यूएई भारत में निवेश और व्यापार बढ़ाने के लिए उत्सुक है। दूसरी बात, दोनों देशों ने रक्षा और टेक्नोलॉजी जैसे बड़े क्षेत्रों में साथ काम करने की बात की है। ये आने वाले दिनों में दोनों देशों को और करीब लाएगा।


भविष्य की उम्मीदें

इस मुलाकात से साफ है कि भारत और यूएई एक नया रास्ता बना रहे हैं। दोनों देश चाहते हैं कि उनकी दोस्ती सिर्फ आज की न हो, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद हो। व्यापार में नए मौके, टेक्नोलॉजी में नई खोज और रक्षा में मजबूत साझेदारी—ये सब इस दोस्ती के बड़े लक्ष्य हैं।

तो दोस्तों, ये थी भारत और यूएई की दोस्ती की नई शुरुआत की कहानी। आपको क्या लगता है—ये रिश्ते भविष्य में कितने कामयाब होंगे? अपने विचार कमेंट में जरूर बताएं!


FAQs –

1. शेख हमदान भारत कब आए?
शेख हमदान मंगलवार को अपनी पहली दो दिन की आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली पहुंचे।

2. पीएम मोदी और शेख हमदान की मुलाकात में क्या बात हुई?
उन्होंने व्यापार, रक्षा, टेक्नोलॉजी, शिक्षा और लोगों के रिश्तों को मजबूत करने पर बात की।

3. यूएई में कितने भारतीय रहते हैं?
यूएई में करीब 43 लाख भारतीय रहते हैं।

4. इस यात्रा से क्या फायदा होगा?
इससे दोनों देशों के बीच दोस्ती और सहयोग बढ़ेगा, खासकर व्यापार, रक्षा और टेक्नोलॉजी में।

5. रक्षा सहयोग में क्या नया है?
दोनों देश सैन्य अभ्यास, ट्रेनिंग और तटरक्षक सहयोग को और मजबूत करेंगे।


डिस्क्लेमर

ये लेख सिर्फ जानकारी देने और पाठकों का मनोरंजन करने के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई बातें आधिकारिक खबरों पर आधारित हैं, लेकिन इसमें कोई बदलाव या अपडेट हो सकता है। सटीक जानकारी के लिए सरकारी स्रोतों को देखें। हमारा मकसद सिर्फ आपको रोचक और सही खबर देना है, किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं।

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