World Bank के अनुसार, अगले दो वित्तीय वर्षों में भारत की Economy 6.7% की दर से बढ़ेगी। सेवा क्षेत्र में मजबूत वृद्धि और निजी निवेश में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है। हालांकि, निवेश में मंदी और विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती से विकास दर प्रभावित हो सकती है।
विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि अगले दो वित्तीय वर्षों में भारत की Economy 6.7% की दर से बढ़ेगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) में भारत की विकास दर घटकर 6.5% रहने का अनुमान है। इसका मुख्य कारण निवेश में मंदी और विनिर्माण क्षेत्र में कमजोर विकास है।
World Bank ने बताया है कि अगले दो सालों में भारत की Economy अच्छी तरह बढ़ेगी। इसका मतलब है कि देश में पैसा कमाने का काम तेजी से बढ़ेगा। हालांकि, इस साल थोड़ी मंदी रह सकती है। इसका कारण यह है कि लोगों ने नए कारोबार शुरू करने में कम पैसा लगाया है और सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों में काम भी धीमा है।
दक्षिण एशिया में भी Economy तेजी से बढ़ेगी:-
विश्व बैंक द्वारा दक्षिण एशिया के लिए जारी नवीनतम विकास अनुमानों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में दक्षिण एशिया की विकास दर बढ़कर 6.2% होने की उम्मीद है। इसमें भारत की मजबूत वृद्धि भी शामिल है। विश्व बैंक ने कहा कि अगले दो वित्तीय वर्षों में भारत की विकास दर 6.7% प्रति वर्ष पर स्थिर रहने की उम्मीद है।

बैंक ने कहा कि सेवा क्षेत्र में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ता रहेगा। कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए सरकार की पहलों से समर्थित विनिर्माण गतिविधि मजबूत बनी रहेगी। निवेश वृद्धि स्थिर रहने की उम्मीद है और निजी निवेश में वृद्धि सार्वजनिक निवेश में मंदी की भरपाई करेगी।
विनिर्माण क्षेत्र में मंदी का प्रभाव :-
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की विकास दर घटकर 6.5% रहने का अनुमान है, जो निवेश में मंदी और विनिर्माण क्षेत्र में कमजोर वृद्धि को दर्शाता है। भारत के अलावा, इस क्षेत्र में वृद्धि 2024 में बढ़कर 3.9% होने की उम्मीद है। यह मुख्य रूप से पाकिस्तान और श्रीलंका में सुधार को दर्शाता है, जो आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए अपनाई गई बेहतर व्यावसायिक नीतियों का परिणाम है।
मुख्य टॉपिक :-
- अर्थव्यवस्था वृद्धि: भारत की अर्थव्यवस्था अगले दो वर्षों में 6.7% की गति से बढ़ेगी। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में यह थोड़ी धीमी होकर 6.5% हो सकती है।
- कारण: विनिर्माण क्षेत्र में निवेश में कमी और धीमी गतिविधि विकास दर में गिरावट के मुख्य कारण हैं।
- सेवा क्षेत्र में तेजी: भारत की अर्थव्यवस्था सेवा क्षेत्र में लगातार बढ़ रही है और आने वाले समय में भी यह जारी रहेगी।
- सरकारी पहल: व्यापार को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
- निवेश में संतुलन: सार्वजनिक निवेश में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन निजी निवेश में वृद्धि से इसकी भरपाई हो जाएगी।
- दक्षिण एशिया में सुधार: पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे दक्षिण एशिया के अन्य देशों में भी अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। इन देशों ने आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए अच्छी नीतियां अपनाई हैं।
विश्व बैंक ने बताया है कि अगले दो सालों में भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी तरह बढ़ेगी। इसका मतलब है कि देश में पैसा कमाने का काम तेजी से बढ़ेगा। हालांकि, इस साल थोड़ी मंदी रह सकती है। इसका कारण यह है कि लोगों ने नए कारोबार शुरू करने में कम पैसा लगाया है और सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों में काम भी धीमा है।
लेकिन सरकार ने व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे फैक्ट्रियों में काम फिर से तेजी से बढ़ेगा। साथ ही, जहां सरकार कम पैसा लगा रही है, वहां आम लोग और कंपनियां ज्यादा पैसा लगा रही हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा।
दक्षिण एशिया के अन्य देशों में भी हालात सुधर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी आर्थिक समस्याओं को ठीक करने के लिए अच्छे फैसले लिए हैं।
अस्वीकरण:- यह केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए।






